मंगलवार को लक्षमी नगर सिथत पूर्वा सास्क्रतिक केंद्र में किमुजा क्रिएशंस ने अपना नाटक "चक्रव्यूह" पेश किया. प्रस्तुति कई मायनों में उत्तम रही. निर्देशक ने नए कलाकारों से जिस स्तर का अभिनय कराया उसकी दादा दी जानी चाहिये. कई कलाकार जहां संवाद अदायगी में झिझकते दिखे वहीं कईयों ने अपनी उत्तम अदाकारी से दर्शकों का मन मोह लिया. लेखक द्वारा नाटक में जिस सामाजिक समस्या को लिखने का प्रयास किया गया निर्देशक ने उसे द्र्श्यों की सहायता से और मजबूत कर दिया. संवाद और द्रश्यों ने कई स्थान पर दर्शकों को खूब हंसाया भी. निर्देशक मोईन शम्श की यह प्रस्तुती सरकारी मुलाजिमो और सिफारिश करने वालों को हमेशा याद रहे्गी.
नाटक के कुछ द्र्श्य
Thursday, May 10, 2007
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