Thursday, February 14, 2008

प्यार के व्यापारिकरण का उत्सव....

आज सवेरे से ही वेलेअटाईन डे का माहोल था मैने अपने जीमेल टैग पर टांक दिया... "प्यार के व्यापारिकरण का उत्सव...." इसे देख कर मेरे एक मित्र मोहिन्दर जी ने मुझसे कुछ बाते की बात क्योंकी सामाजिक नजरिये से संबंधित थीं अत मेरे लिये संग्रहणीय हैं और आपके लिये पठनीय भी..... आप के समक्ष ज्यों की त्यों परस्तुत है.... अपनी टिप्पणी भी आप दे सकते है......

mohinder: नमस्कार.... गुलाब के कितने फ़ूल काम आये आज
me: apnee to vichaardhaara hi alag hai
प्यार के व्यापारिकरण का उत्सव....
mohinder: आप की धारा किस तरफ़ बहती है ?
वही देख कर पूछा था ?
me: kaam shootra day ki taraph ko kuch kuch
konark ki taraph se bhii or khujraho se gujarati hi
or sheedhe swarg ko jaati hai
dharm - arth - kaam- moksh...
mohinder: योगेश जी... स्त्री पुरुष का आपस में आकर्षण आदिकाल से है और आगे भी युगों तक रहेगा जब तक दुनिया रहेगी हां आसक्ति की मात्रा हर मनुष्य में अलग हो सकती है
अथवा उसे स्वीकारने में हिचकिचाहट की मात्रा भी भिन्न हो सकती है
Sent at 4:10 PM on Monday
me: mohinder ji maine is baat se inkaar kab kiya par yeh batao ki us aakarshan main do hajaar rs ka nakli phool ya khilona ya phir koi or gift ya main kahoon ki ek akarshak sa chapa mahanga kaard kya karta hai
mohinder: स्वर्ग नरक की व्याख्या तो धर्म के ठेकेदारों ने कि है जो इसी की आड में अपनी दुकान चलाते हैं
सब कुछ यहीं हैं
me: aakarshan koi din visheh ka bhee nahi hota sadev hota hai
hara din ho sakta hai
maheene do maheene taka lagaataar bhi ho sakta hai
mohinder: परन्तु किसी दिन को तो इसके लिये विशेष बनाया जा सकता है.... हर्ज क्या है
अगर होली दिवाली क्रिसमस हो सकता है
होली के नाम पर दिनो दिनो गोपी और गवालों की रास लीला चल सकती है तो एक दिन वेलन्डाईन डे क्यों नहीं
me: manaiye naa bhai sahab khoob manaiye par ham nahi manate
mohinder: और जिन्हें ओछी हरकत करनी होती है वह किसी दिन विशेष का इन्तजार नहीं करते
उनके लिये हर दिन बेलन्टाईन डे है
योगेश जी मेरा तात्पर्य सिर्फ़ इतना है कि कोई भी दिन हो यदि मर्यादा में रहते हुये कोई भी काम हो तो बुरा नहीं है
me: baat sahi hai aapki main bhi yahi kahta hoon yadi aapko patni ko phool dena hai to do...
girlfriend ko khush karna hai to karo
or sex karna hai to karo par
ek visheh din uske liye rakhna hai to woh bhi rakho
par kya sab ek hi din jaroori hai
sab apni apni suvidha ke saath bhi to vishesh din rakh sakte hain
par nahi aisa yadi hua to baazaar nahi lagega
mohinder: इसे आप प्यार की बर्षगांठ मान लीजिये
me: holi diwali ke tyohaar ke baazaarikarn ka bhi main virodhi hoon janab...
kya sabke pyaar ki varsh gaanth ek hi din hogi mitra
mohinder: रूटीन में तो सभी तोहफ़ा देते है... किसी दिन विशेष पर दिये गये तोहफ़े का अधिक महत्व होता है
Sent at 4:17 PM on Monday
mohinder: प्यार हो त्योहार हो या वर्षगांठ यह सब इसलिये है ताकि वह दिन बाकी दिनों से कुछ अलग हो
me: aap ki marji maire samjhaane se aap nahi maanne wale or aapke samjhaane se main
mohinder: कोई बीच का रास्ता चुन लो यार
कहो तो मैं ही मान जाता हूं
टकराव में क्या है
me: ka karod log bhooke hain nage hain unke pet baharne ka din bhi taya kariye hojoor..
mohinder: मजदूर दिवस नहीं मनाते आप
me: majdoor or majboor do alag alag shab or artha hain janaab
Sent at 4:20 PM on Monday
mohinder: ईश्वर ने सबको एक सा बदन दिया है..... हां मजबूरी वाली वात अलग है
बेल्नटाईन का विरोध करने की वजाये उनके लिये क्या किया जाये यह सोचना जरूरी है
हम तो एक NGO बना कर उनके लिये काम कर रहे हैं
me: aap bataiye kya kiya ja sakta hai
mohinder: हिन्द युग्म एक NGO के रूप में रजिस्टर हो गया है और उसके कुछ कार्य क्षेत्र हैं
me: badhai hai
mohinder: ग्रामीण इलाकों में होनहार गरीब छात्रों का चयन व उन्हे शिक्षा के लिये मदद देना
me: ji phir shikhsa ke baad uneh velentine manaane ka saamana ( jaise............) muhaiya karane ki jimmedaari bhi NGO ki hogi kya.....
mohinder: आप विष्य से भटक जाते है
Dark and smoky cabins are not porticose of moral philosophy
me: kyon
dohre chehre ache nahi hote mahender ji
dikhte to shaadhoo hai or phanste rape kaise main hai ...
mohinder: किसी एक को जरनालाईज नहींकिया जा सकता योगेश जी
में साकारात्मक सोच का व्यक्ति हूं
me: sakaratmakta bhi drama hoti ja rahi hai mahender ji....
mohinder: सिर्फ़ आलोचना इसका समाधान नहीं है
me: jab sakaratmak log udharan dete hain tab woh kisi ek ko generalise kar sakte hain par doosron ki har baat jo aapke apne girebaan ko jhanjode woh nakaratmakta ki gali main bhatakti dikhaai deti hai ..... sabko
mohinder: एक लंगडा दूसरे को दौड लगाने को कहे तो व्यर्थ है
me: khud ki beti velentine de par kisi mustande ke saath galbahiyan manate dekh kar saare velentinedey manane wale log apni partikriya batayen ki kya dil khush hoga ....
mohinder: आप के मन में कोई तूफ़ान है
जो आपको एक दिशा में नहीं जाने देता
me: ho nahi sakta ya to yeh kaha kar samjhaana padega ki khar hota hai ya phir jaan poch kar najarandaaj kiya jaayega
mohinder: यही इस देश का दुर्भाग्य है कि भाष्ण देने वाले बहुत हैं ... काम करने वाले कम
Sent at 4:31 PM on Monday
mohinder: मन्दिर में ज्यादा चन्दा जाता है... अनाथ आश्रम में कम
me: shaadi ke baad beti ki olaad pyaari hoti hai par najayad or boyfriend se tayaar aullad ko koi baap naati kahane ki himmat nahi dikaa paaya aaja tak aise samaaj main yadi velentine ke naam par karodon ka vyaapaar ho raha hota hai to aap uski taraphdaari karte hai or kahate hain bhaartiye sabhyata main pyaar ki jagah thi haan thee par pyaar ko sare baajaar nahi kiya gaya thaa janaab yeh to ham bhi kahate hain ki hamaari aadiparampara main koi kami nahi hai bas wahan jo hai niri hai, nikhaalish hai, swarth ka put nahi hai ... bazaar mukt utsav hai.... wahana aur aajka sab baajaar par nirbhar hai ..
mohinder: शायद ईश्वर को मदद की ज्यादा जरूरत है
आप क्या समझते हैं वेल्नटाईन वाले दिन बहुत सी नाजायज औलाद पैदा होंगी ?
mohinder: और अगर होंगी तो जो इनके लिये जिम्मेदार हैं उन्हे भुगतने दीजिये
आप क्यों परेशान हैं
me: nahi mitra aulad paida nahi hoongi yeh hi to mer baat nahi samajh rahi hain aap... yadi aulaad paida hui to mushibat aulaad paida karne ke liye koi sasoora velentine day ka intjaar nahi karta ...
baajaar bhar main board lage hain ki Condome le ke chalo... phir bhala najayaj aulaad kyon...
velentine day kamaane ke liye hai kis ko kisi kaa pyaar dilvaane ya muhaiyaa karane ke liye nahi hai janaab...
mohinder: हा हा,, तभी तो कह रहा हूं हम अपना काम करें... और जो वो कर रहे है उन्हें करने दें
you can not change anybody.....only you can change your self
this I have learnt from life

आपका क्या मानन है हमें जानकर हर्ष होगा....

3 comments:

Pramendra Pratap Singh said...

प्‍यार का बाजारवाद है कि आज के युवा इस तरह के चोचले में फंस रहे है, वेलेन्‍टाइन के नाम पर खुले आम नंगा नाच हो रहा है, प्यार के नाम पर 'धन्धा' हो रहा है और कुछ लोग इस धन्धे का सर्मथन कर रहे है। प्यार में में धन्धेबाजी का परिणाम ही अवैध संतान होती है।

खुलेपान का विचार रखना बहुत अच्छी बात है किन्‍तु खुलेपन में नंगई नही होनी चाहिऐ। प्‍यार में जो लिहाज होता है वह लिहाज प्‍यार का मजा दोगुना कर देता है।

मै नही मानता कि प्यार का इजहार गलत है, प्‍यार तो भारतीय परम्‍परा का अंग है, सही अर्थो में राम-सीता, उर्मिला-लक्षमण, राधा-कृष्‍ण से लेकर वर्तमान में हरिवंश राय बच्‍चन और तेजी बच्‍चन प्रेम के उत्‍तम उदाहरण है।

अगर खुले आम चुम्‍माचाटी ही प्‍यार का इजहार है तो वेलेन्‍टईन के सर्मथकों को मेरी शुभकामना है कि उनकी ऑखों के सामने अपनी प्रेमी/प्रेमिका को वेलेन्‍टाईन विश करें।

जय हिन्‍द - जय भारत

सुनीता शानू said...

अरे वाह पर्सनल बातों को आपने यहाँ सबके सामने डाल दिया है...अब तो बात करने से पहले सोचना ही पड़ेगा...:)

Udan Tashtari said...

transprancy...वाह!!


कहाँ और कैसे हैं??

 
blogvani